*रिपोर्टर:- विनोद साहू - बांकी
अधिग्रहित जमीन की वापसी,रोजगार व पुनर्वास ग्रामों की समस्या की लेकर 5 सितंबर को विजयनगर बसावट में भू विस्थापितों की महापंचायत*
*45 गांव के प्रभावित भू विस्थापित बैठक में होंगे शामिल*
11 सितंबर को कुसमुंडा के पास रेल और सड़क मार्ग से जाने वाले
छत्तीसगढ़ किसान सभा और भूविस्थापित रोजगार एकता संघ ने भूविस्थापितों के लंबित रोजगार प्रकरणों,जमीन वापसी,पट्टा,बसावट एवं प्रभावित गांव की समस्याओं से बिलासपुर के अधिकारियों को अवगत कराते हुए समस्याओं का समाधान नहीं होने पर 11 सितंबर को कुसमुंडा के पास रेल और सड़क मार्ग जाम कर कोयले की आर्थिक नाकेबंदी की चेतावनी दी है। इस संबंध में कुसमुंडा में भू विस्थापितों की बैठक हुई बैठक में 5 सितंबर को विजयनगर बसावट में भू विस्थापितों की महापंचायत आयोजित कर पीड़ित भू विस्थापितों को एकजुट करने और समस्याओं पर चर्चा कर 11 सितंबर को कोयले की आर्थिक नाकेबंदी को सफल बनाने की रणनीति तैयार करने का निर्णय लिया है महापंचायत में 45 से अधिक गांव के भू विस्थापितों से संपर्क कर महापंचायत में शामिल होने की अपील की जा रही है।
बैठक में माकपा जिला सचिव प्रशांत झा,किसान सभा के नेता जवाहर सिंह कंवर,दीपक साहू ने कहा कि एसईसीएल के कुसमुंडा,गेवरा,दीपका,कोरबा सभी क्षेत्रों के भू विस्थापितों के लंबित रोजगार,जमीन वापसी,पट्टा,बसावट एवं प्रभावित गांव की मूलभुत समस्याओं के निराकार के लिए एसईसीएल के अधिकारियों द्वारा कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है जिससे भू विस्थापितों के सब्र का बांध टूटता जा रहा है। एसईसीएल के अधिकारियों का ध्यान केवल भू विस्थापितों के अधिकारों को गुमराह कर छीनते हुए केवल कोयला उत्पादन को बढ़ाने में है।
भू विस्थापित संघ के नेता दामोदर श्याम,रेशम यादव,रघु यादव ने कहा कि एसईसीएल पर भू विस्थापितों को भरोसा नहीं है एसईसीएल को कार्य धरातल पर करते हुए कार्यों का रिजल्ट दिखाना होगा हर बार आंदोलन के बाद झूठा आश्वाशन प्रबंधन देता है जब तक निर्णायक निर्णय भू विस्थापितों के पक्ष में नहीं होगा तब तक आंदोलन जारी रहेगा। भू विस्थापितों की मांग पूरी नहीं होने पर 11 सितंबर को कुसमुंडा के पास कोयले की आर्थिक नाकेबंदी चक्काजाम आंदोलन की जायेगी इस कोयले की आर्थिक नाकेबंदी को सफल बनाने के लिए 5 सितंबर को विजयनगर बसावट में भू विस्थापितों की महापंचायत आयोजित की जा रही है जिसमें चर्चा कर आगे आंदोलन को सफल बनाने की रणनीति तैयार की जायेगी बैठक के लिए 45 से अधिक गांव के भू विस्थापितों से संपर्क किया जा रहा है।
किसान सभा और भू विस्थापित संगठन ने *प्रमुख मांग* की है की वन टाइम सेटलमेंट कर रोजगार के पुराने लंबित मामलो का जल्द से जल्द निराकरण किया जाये और अर्जन के बाद जन्म वाले प्रकरण का निराकरण कर जिनकी भी जमीन अधिग्रहण की गई है उन्हे बिना शर्त रोजगार प्रदान किया जाए|
*पुराने अर्जित भूमि को मूल खातेदारों को वापसी करायी जाये | कोरबा, कुसमुंडा एवं अन्य क्षेत्र में अर्जित जमीन मूल खातेदारों को वापस किया जाए और जरूरत होने पर पुन: अर्जन की प्रक्रिया पूरा कर पुनर्वास नीति के अनुसार भू विस्थापितों को लाभ दिलाया जाए।
* अर्जित गाँव से विस्थापन से पूर्व उनके पुनर्वास स्थल की सर्वसुविधायुक्त व्यवस्था किया जाये |
*आउट सोर्सिंग कार्यों में भू विस्थापितों एवं प्रभावित गांव के बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराया जाए
*महिलाओं को स्व रोजगार योजना के तहत रोजगार उपलब्ध कराया जाए
*पुनर्वास गांव में काबिज भू विस्थापितों को पूर्ण काबिज भूमि का पट्टा दिया जाए
* विजयनगर, नेहरु नगर,गंगानगर, समेत सभी पुनर्वास गांव को पूर्ण विकसित माडल गांव बनाने समेत 11 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा है।
एसईसीएल के आश्वाशन से थके भू विस्थापितों ने अब आर पार लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है किसान सभा ने एलान करते हुए कहा है कि भू विस्थापितों के समस्याओं पर सकारात्मक पहल कदमी नहीं होने पर जिले से बाहर जाने वाले कोल परिवहन को बंद किया जाएगा। कुसमुंडा,गेवरा,दीपका से निकलकर रेल मार्ग से जाने वाले कोयला गाड़ियों को कुसमुंडा के पास और कुसमुंडा से रोड के माध्यम से जाने वाले ट्रकों को 11 सितंबर को रोक कर कोयले की आर्थिक नाकेबंदी करते हुए चक्काजाम को सफल बनाने के लिए गांव गांव पहुंचकर पर्चे बांट कर भू विस्थापितों से संपर्क कर आंदोलन को सफल बनाने की अपील की जा रही है।
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